Indian Polity MCQs with Answers in Hindi | Part-2

“Indian Polity MCQs with Answers in Hindi-Part 2” ब्लॉग पोस्ट में हम भारतीय संविधान के प्रमुख प्रावधानों और उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर चर्चा करेंगे। इसकी प्रस्तावना से लेकर अंतिम संशोधन तक, संविधान ने भारतीय समाज को एक सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक आधार प्रदान किया है। यह पोस्ट भारतीय संविधान और राजनीति के महत्वपूर्ण पहलुओं को सरल और संक्षेप में समझाने का प्रयास करेगी, जिससे आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद प्राप्त कर सकेंगे। इस ब्लॉग के अगले भागों में भी हम और प्रश्नों और उनके उत्तरों के माध्यम से चर्चा करेंगे, इसलिए जुड़े रहें और अपने ज्ञान को बढ़ाएं।

Indian Polity MCQs with Answers in Hindi | Part-2

Table of Contents

Q1. ब्रिटिश संसद के किस अधिनियम ने भारत में व्यापार पर ईस्ट इंडिया कंपनी के एकाधिकार को समाप्त कर दिया?
  • (a) 1773 का विनियमन अधिनियम
  • (b) 1813 का चार्टर अधिनियम
  • (c) 1784 का पिट्स इंडिया अधिनियम
  • (d) 1833 का चार्टर अधिनियम

Correct Answer: (b) 1813 का चार्टर अधिनियम

Explanation: भारत में ब्रिटिश शासन के काल में, ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक अधिकारों पर ब्रिटिश संसद ने कई अधिनियम बनाए थे। इन अधिनियमों में से एक महत्वपूर्ण अधिनियम है 1813 का चार्टर अधिनियम। 1813 के चार्टर अधिनियम ने कंपनी को भारत के साथ व्यापार पर अपने एकाधिकार से वंचित कर दिया लेकिन फिर भी उसे चीन के साथ व्यापार और चाय के व्यापार पर अपना एकाधिकार प्राप्त था। जबकि 1833 के चार्टर अधिनियम द्वारा कंपनी के समस्त व्यापारिक कार्य समाप्त कर दिए गए तथा भविष्य में कंपनी को केवल राजनैतिक कार्य ही करने थे।

Q2. निम्नलिखित में से किस अधिनियम द्वारा भारतीय विधान परिषद् को बजट पर चर्चा करने की शक्ति मिली?
  • (a) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1861
  • (b) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1892
  • (c) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1909
  • (d) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1919

Correct Answer: (b) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1892

Explanation: 1892 का भारतीय परिषद अधिनियम विधान परिषदों के कामकाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया था। इस अधिनियम के अंतर्गत, प्राथमिकता स्थापित की गई थी कि विधान परिषद को बजट पर बहस करने की शक्ति दी गई, परंतु मतदान का अधिकार नहीं था। इस अधिनियम के तहत 6 दिन की पूर्व नोटिस पर कार्यपालिका से प्रश्न पूछने की अनुमति दी गई, परंतु पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं था।

Q3. भारत में ‘संघीय व्यवस्था’ और ‘केंद्र’ में ‘द्वैध शासन’ की शुरुआत किस अधिनियम के द्वारा की गई थी?
  • (a) 1909 का भारत शासन अधिनियम
  • (b) 1919 का भारत शासन अधिनियम
  • (c) 1935 का भारत शासन अधिनियम
  • (d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Correct Answer: (c) 1935 का भारत शासन अधिनियम

Explanation: भारत में ‘संघीय व्यवस्था’ और ‘केंद्र’ में “द्वैध शासन” की शुरुआत 1935 के भारतीय संविधान के अधिनियम द्वारा की गई थी।

भारत शासन अधिनियम, 1935 की मुख्य विशेषताएं थीं:

1. इस अधिनियम ने भारत में संघीय प्रणाली की स्थापना की।

2. इसने केंद्रीय और प्रांतीय विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों को विभाजित किया और ‘प्रांतों में द्वैध शासन को केंद्र में द्वैध शासन से प्रतिस्थापित किया।’

3. इसमें एक संघीय न्यायालय की स्थापना का प्रावधान किया गया, जिसे 1937 में स्थापित किया गया था।

Q4. निम्नलिखित में से किस एक अधिनियम द्वारा भारत में संघीय न्यायालय की स्थापना की गई थी?
  • (a) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1861
  • (b) भारत शासन अधिनियम, 1909
  • (c) भारत शासन अधिनियम, 1919
  • (d) भारत शासन अधिनियम, 1935

Correct Answer: (d) भारत शासन अधिनियम, 1935

Explanation: भारत शासन अधिनियम, 1935 द्वारा भारत में संघीय न्यायालय की स्थापना की गई थी।

भारत सरकार अधिनियम, 1935 की मुख्य विशेषताएं थीं:

1. इस अधिनियम ने भारत में संघीय प्रणाली की स्थापना की।

2. इसने केंद्रीय और प्रांतीय विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों को विभाजित किया और ‘प्रांतों में द्वैध शासन को केंद्र में द्वैध शासन से प्रतिस्थापित किया।’

3. इसमें एक संघीय न्यायालय की स्थापना का प्रावधान किया गया, जिसे 1937 में स्थापित किया गया था।

Q5. भारत का संघीय न्यायालय निम्नलिखित में से किस वर्ष में स्थापित किया गया था?
  • (a) 1935
  • (b) 1937
  • (c) 1946
  • (d) 1947

Correct Answer: (b) 1937

Explanation: भारत में संघीय न्यायालय की स्थापना 1 अक्टूबर 1937 को भारत शासन अधिनियम, 1935 के तहत की गई थी। इसके पहले मुख्य न्यायाधीश सर मौरिस ग्वेयर थे।

Q6. केंद्र में ‘द्वैध शासन’ किस अधिनियम के अंतर्गत स्थापित किया गया?
  • (a) 1909 के अधिनियम
  • (b) भारत शासन अधिनियम, 1919
  • (c) भारत शासन अधिनियम, 1935
  • (d) भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947

Correct Answer: (c) भारत शासन अधिनियम, 1935

Explanation: भारत शासन अधिनियम, 1935 के अंतर्गत केंद्र में ‘द्वैध शासन’ का प्रावधान किया गया, एक नए अखिल भारतीय संघ की स्थापना की गई तथा प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था को समाप्त किया गया। केंद्र में द्वैध शासन के अंतर्गत संघीय विषयों को दो भागों में विभाजित किया गया – आरक्षित विषय (Reserved Subjects) और हस्तांतरित विषय (Transferred Subjects)।

Q7. ब्रिटिश भारत में सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था निम्नलिखित में से किस अधिनियम द्वारा की गई थी?
  • (a) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1892
  • (b) मार्ले-मिंटो सुधार, 1909
  • (c) मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार, 1919
  • (d) भारत सरकार अधिनियम, 1935

Correct Answer: (b) मार्ले-मिंटो सुधार, 1909

Explanation: भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (मार्ले-मिंटो सुधार, 1909) ने भारतीय राजनीतिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया। इस अधिनियम ने सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था लागू की और विभिन्न समाज और धर्मों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित किया। इस अधिनियम के अंतर्गत, मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की स्थापना हुई, जिससे उन्हें स्वतंत्रता की प्रक्रिया में अधिक सक्रिय भाग लेने का अवसर मिला। यह अधिनियम भारतीय राजनीतिक सिद्धांत में एक प्रतिबिंब बन गया और सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व के विविधता को मान्यता दिलाने का एक कदम साबित हुआ।

Q8. भारतीय विधानपालिका प्रथम बार द्विसदनीय बनाई गई –
  • (a) 1892 के भारतीय परिषद् अधिनियम द्वारा
  • (b) 1909 के भारतीय परिषद् अधिनियम द्वारा
  • (c) 1919 के भारत शासन अधिनियम द्वारा
  • (d) 1935 के भारत शासन अधिनियम द्वारा

Correct Answer: (c) 1919 के भारत शासन अधिनियम द्वारा

Explanation: 1919 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा केंद्र में द्विसदनीय विधानपालिका की स्थापना की गई थी। इस अधिनियम के अंतर्गत, एक ऊपरी सदन ‘राज्य परिषद’ और एक निचला सदन ‘केंद्रीय विधानसभा’ की स्थापना हुई थी। राज्य परिषद में 60 सदस्य थे, जिनमें से 33 निर्वाचित और 27 मनोनीत थे। वहीं, केंद्रीय विधानसभा में 140 सदस्य थे, जिनमें से 100 निर्वाचित और 40 मनोनीत थे।

अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु बने नियमों के अनुसार, राज्य परिषद में 33 निर्वाचित और 27 मनोनीत सदस्य थे, जबकि केंद्रीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर पहले 143 और फिर 145 कर दी गई थी।

मनोनीत सदस्यों में से एक-एक बरार से निर्वाचित होने वाले सदस्य भी थे, जिन्हें गवर्नर-जनरल मनोनीत करता था। इस प्रकार, उन्हें निर्वाचित सदस्यों की संख्या में शामिल किया गया था।

Q9. भारत शासन अधिनियम, 1919 के अंतर्गत भारतीय विधायिका का अंतिम निर्वाचन किस वर्ष में आयोजित किया गया था?
  • (a) 1930
  • (b) 1934
  • (c) 1945
  • (d) 1947

Correct Answer: (c) 1945

Explanation: भारत शासन अधिनियम, 1919 के अंतर्गत भारतीय विधायिका का अंतिम निर्वाचन 1945 में आयोजित किया गया था।

यह निर्वाचन दो चरणों में हुआ था। पहले चरण का निर्वाचन 1945 में हुआ और इसके बाद दूसरे चरण का निर्वाचन 1946 में हुआ। इसके बाद, 1947 में भारत अपनी स्वतंत्रता प्राप्त कर लिया।

Q10. 1909 का अधिनियम किससे सम्बंधित था?
  • (a) पृथक निर्वाचन क्षेत्र की शुरूआत
  • (b) विकेंद्रीकरण
  • (c) द्वैध शासन
  • (d) विधान परिषद्

Correct Answer: (a) पृथक निर्वाचन क्षेत्र की शुरूआत

Explanation: 1909 के भारतीय परिषद अधिनियम में मुस्लिम समुदाय के लिए एक अलग निर्वाचन क्षेत्र की स्थापना का प्रावधान किया गया। इससे समाज में अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा मिला जिसने अंततः 1947 में देश के विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह अधिनियम भारतीय जनता के बीच अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देने के ब्रिटिश शासन के प्रयासों में से एक था।

Q11. सिविल सेवा परीक्षा मे भर्ती के लिय द्वार भारतीयों के लिय किस अधिनियम के तहत खोल दिया गया?
  • (a) पिट्स इंडिया एक्ट, 1784
  • (b) चार्टर एक्ट, 1853
  • (c) भारत शासन अधिनियम, 1858
  • (d) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1861

Correct Answer: (b) चार्टर एक्ट, 1853

Explanation: सिविल सेवा परीक्षा के लिए भारतीयों के द्वार खोले जाने का प्रावधान चार्टर एक्ट, 1853 के तहत किया गया था। इस अधिनियम के अंतर्गत पहली बार भारतीयों को सिविल सेवा में भर्ती किया गया था।

चार्टर अधिनियम, 1833 में सिविल सेवकों के चयन के लिए खुली प्रतिस्पर्धा का प्रावधान करने का प्रयास किया गया, लेकिन निदेशक मंडल के विरोध के कारण इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद, चार्टर अधिनियम, 1853 ने सिविल सेवकों की भर्ती और चयन के लिए खुली प्रतियोगिता की प्रणाली शुरू की। इसके साथ ही मैकाले समिति का भी गठन किया गया जिसका उद्देश्य सिविल सेवा प्रक्रिया में सुधार करना और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना था। इससे भारतीयों को सिविल सेवाओं में प्रवेश मिलने लगा और उनकी भागीदारी बढ़ने लगी।

Q12. किस अधिनियम ने भारतवासियों को अपने देश के प्रशासन में कुछ हिस्सा लेना संभव बनाया?
  • (a) चार्टर अधिनियम, 1833
  • (b) चार्टर अधिनियम, 1853
  • (c) भारत शासन अधिनियम, 1858
  • (d) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1861

Correct Answer: (a) चार्टर अधिनियम, 1833

Explanation: चार्टर अधिनियम, 1833 ने भारतीय लोगों को अपने देश के प्रशासन में कुछ हिस्सा लेना संभव बनाया। इस अधिनियम ने भारतीय परिषदों का गठन किया और विधानपालिका में भारतीय प्रतिनिधित्व बढ़ाया। यह पहली बार था जब भारतीयों को प्रशासनिक प्रक्रियाओं में साझा किया गया। इस प्रकार, यह अधिनियम एक महत्वपूर्ण कदम था जो भारतीय समुदाय को प्रशासन में भागीदारी देने की दिशा में एक पहलु था।

अनुच्छेद-87, चार्टर अधिनियम, 1833 का एक महत्वपूर्ण अनुच्छेद था। इसमें यह उल्लेख किया गया था कि कंपनी के अधीन सेवा, पद या स्थान में किसी भी व्यक्ति को धर्म, जन्मस्थान, वंश या रंग के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा। इसके बाद, 1833 के अधिनियम का अनुच्छेद 87 ने राजनीतिक आंदोलन के दौरान भारतीयों की प्रशासन में भागीदारी के लिए नींव रखी।

Q13. किस अधिनियम के माध्यम से गवर्नर जनरल का पदनाम वायसराय कर दिया गया?
  • (a) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1861
  • (b) भारतीय परिषद् अधिनियम, 1892
  • (c) चार्टर अधिनियम, 1833
  • (d) भारत सरकार अधिनियम, 1858

Correct Answer: (d) भारत सरकार अधिनियम, 1858

Explanation: गवर्नर जनरल का पदनाम वायसराय के रूप में बदलने का निर्णय भारत सरकार अधिनियम, 1858 के अंतर्गत किया गया था। इस अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश सरकार ने भारत पर पूरी तरह का नियंत्रण प्राप्त किया था, और इसके बाद से भारत का प्रशासन ब्रिटिश सरकार द्वारा नियंत्रित होता रहा।

1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश ताज (British Crown) ने कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया और भारत को सीधे अपने नियंत्रण में ले लिया। इसके पश्चात्, भारत सरकार अधिनियम 1858 (Government of India Act 1858) पारित किया गया, जिससे भारत के गवर्नर जनरल का नाम वायसराय (Viceroy) कर दिया गया। वायसराय को सीधे ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था और भारत के पहले वायसराय लॉर्ड कैनिंग (Lord Canning) थे।

Q14. निम्नलिखित में से कौनसी एक भारतीय शासन अधिनियम, 1919 की विशेषता नहीं थी?
  • (a) प्रत्यक्ष निर्वाचन
  • (b) केन्द्रीय एवं प्रान्तीय विधानमंडलों की विधान निर्माण की शक्ति
  • (c) केन्द्र में द्वैध शासन
  • (d) केन्द्र में द्वि-सदनात्मक विधायिका

Correct Answer: (a) प्रत्यक्ष निर्वाचन

Explanation: विशेषता रूप से प्रत्यक्ष निर्वाचन (Direct Election) भारतीय शासन अधिनियम, 1919 की नहीं थी।

भारतीय शासन अधिनियम, 1919 का मुख्य उद्देश्य था कि भारतीयों को शासन में अधिक भागीदारी प्रदान करना। इस अधिनियम के तहत केन्द्रीय और प्रांतीय विधानमंडलों की स्थापना की गई, जिससे द्वि-सदनात्मक विधायिका प्रणाली को प्रारंभ किया गया। इस अधिनियम ने भारतीयों को अधिक सीधे प्रतिनिधित्व के लिए मौका प्रदान किया, लेकिन प्रत्यक्ष निर्वाचन इसमें शामिल नहीं था। यह अधिनियम भारत में द्वैध शासन (Diarchy) की प्रणाली को भी प्रदान करता था, जिसमें केंद्रीय और प्रांतीय सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन होता था।

Q15. भारतीय इतिहास के सन्दर्भ में, ‘द्वैध शासन (dyarchy) सिद्वान्त किसे निर्दिष्ट करता है?
  • (a) केन्द्रीय विधानमण्डल का दो सदनों में विभाजन।
  • (b) दो सरकारों, अर्थात् केन्द्रीय और राज्य सरकारों का शुरू किया जाना।
  • (c) दो शासक-समुच्चय; एक लन्दन में और दूसरा दिल्ली में होना।
  • (d) प्रान्तों को प्रत्यायोजित विषयों का दो प्रवर्गों में विभाजन।

Correct Answer: (d) प्रान्तों को प्रत्यायोजित विषयों का दो प्रवर्गों में विभाजन।

Explanation: द्वैध शासन सिद्धांत भारतीय इतिहास में विवेकानन्द की राजसी व्यवस्था को चित्रित करता है, जिसमें प्रांतों को हस्तांतरित (Transferred) और आरक्षित (Reserved) विषयों में विभाजित किया गया था।

इस व्यवस्था में, हस्तांतरित विषयों के लिए प्रांतीय मंत्रिमंडल जिम्मेदार था, जबकि आरक्षित विषयों के लिए गवर्नर के अधीन एक विशेष मंत्री था। यह प्रणाली भारतीय परिषद अधिनियम, 1919 में प्रदान की गई थी।

Q16. ब्रिटिश शासन के दौरान मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम कब पारित किया था?
  • (a) 24 अप्रैल, 1919
  • (b) 21 अक्टूबर, 1919
  • (c) 23 दिसम्बर, 1919
  • (d) 28 दिसम्बर, 1919

Correct Answer: (c) 23 दिसम्बर, 1919

Explanation: मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम या मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम को 1919 का भारत सरकार अधिनियम भी कहा जाता है। इस अधिनियम को 23 दिसम्बर, 1919 को पारित किया गया था।

इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य था केन्द्र और प्रांतीय सरकारों के बीच शासन की जिम्मेदारियों को विभाजित करना और भारतीय समाज में प्रत्यक्ष निर्वाचन का प्रावधान करना। इस अधिनियम ने भारतीय राज्यों को अधिक स्वतंत्रता और सहयोग प्रदान करने की क्षमता दी और भारतीय राज्यों की अधिक साझेदारी की भावना को बढ़ावा दिया।

Q17. निम्नलिखित में से किसके द्वारा, भारत के लिए सेक्रेटरी ऑफ स्टेट का पद सृजित किया गया?
  • (a) द काउंसिल्स ऐक्ट 1861
  • (b) भारत सरकार अधिनियम (द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट) 1858
  • (c) मॉर्ले मिंटो सुधार
  • (d) मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार

Correct Answer: (b) भारत सरकार अधिनियम (द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट) 1858

Explanation: सेक्रेटरी ऑफ स्टेट का पद भारत के लिए ‘भारत सरकार अधिनियम (द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट) 1858’ के अंतर्गत स्थापित किया गया था।

Extra Information: भारत सरकार अधिनियम, जिसे ‘द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट’ 1858 के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटिश पार्लियामेंट द्वारा पारित किया गया था। इस अधिनियम के पारित होने के बाद, भारत का प्रशासन ब्रिटिश सरकार के सीधे नियंत्रण में आ गया और कम्पनी का प्रशासन समाप्त हो गया।

इस अधिनियम के अंतर्गत, गवर्नर जनरल की पदाधिकारी को ‘भारत का वायसराय’ नाम से जानकारी जा रही थी, और उन्हें सीधे लंदन की ओर से नियुक्त किया जाता था। इसके अलावा, इस अधिनियम ने भारत के लिए ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट’ का पद भी स्थापित किया गया। सेक्रेटरी ऑफ स्टेट की भूमिका उन्हें गवर्नर जनरल के साथ मदद करने और सलाह देने में थी, और यह पद विशेषतः भारत के प्रशासनिक और नैतिक मामलों को संबोधित करने के लिए बनाया गया था।

इस प्रकार, भारत सरकार अधिनियम 1858 ने भारतीय प्रशासन में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए, जिसमें सेक्रेटरी ऑफ स्टेट का पद स्थापित करना एक महत्वपूर्ण घटक था।

Q18. लोक सेवाओं की परीक्षा इंग्लैण्ड तथा भारत में एक साथ करने की संस्तुति निम्न में किसके द्वारा की गई थी?
  • (a) एचिसन आयोग द्वारा
  • (b) हॉबहाउस आयोग द्वारा
  • (c) लार्ड कार्नवालिस द्वारा
  • (d) माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड रिपोर्ट द्वारा

Correct Answer: (d) माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड रिपोर्ट द्वारा

Explanation: माण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड रिपोर्ट ने 1918 में अपनी अनुशंसा में बताया कि सिविल सेवा परीक्षा इंग्लैंड और भारत में एक साथ आयोजित की जानी चाहिए और भारतीयों की प्रशासन में भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप, वर्ष 1922 से सिविल सेवा परीक्षा इंग्लैंड और भारत में एक साथ होने लगी।

विपरीत रूप से, एचिसन आयोग ने 1887 में अपनी रिपोर्ट में यह अनुशंसा दी थी कि सिविल सेवा परीक्षा इंग्लैंड और भारत में अलग-अलग आयोजित की जानी चाहिए।

इस प्रकार, माण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड और एचिसन आयोगों की रिपोर्टें सिविल सेवा परीक्षा और भारतीयों की प्रशासन में भागीदारी में परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान की।

Q19. निम्न में से किस ऐक्ट के द्वारा भारत के गवर्नर जनरल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई?
  • (a) भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
  • (b) चार्टर अधिनियम, 1833
  • (c) भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
  • (d)भारतीय परिषद अधिनियम, 1909

Correct Answer: (a) भारतीय परिषद अधिनियम, 1861

Explanation: भारतीय गवर्नर जनरल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति को प्रदान करने वाला अधिनियम है “भारतीय परिषद अधिनियम, 1861″। इस अधिनियम ने भारत के गवर्नर जनरल को अध्यादेश जारी करने, विधियाँ पारित करने, नीतियाँ तय करने, और अन्य प्रशासनिक कार्य करने की पूर्ण अधिकार प्रदान किया था।

इस ऐक्ट के बाद, गवर्नर जनरल को प्रशासनिक निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्रता मिली और वह अब अपने प्रशासनिक निर्णयों को अधिसूचित करने के लिए अध्यादेश जारी कर सकते थे। इससे भारतीय प्रशासन का प्रक्रियात्मक विकास हुआ और भारतीय अधिकारियों को भी प्रशासनिक कार्यों में अधिक सहभागिता का मौका मिला।

इस प्रकार, “भारतीय परिषद अधिनियम, 1861” ने गवर्नर जनरल को विशाल और महत्वपूर्ण प्रशासनिक शक्तियाँ प्रदान की थी।

Q20. ब्रिटिश इण्डिया के निम्नलिखित में से किस एक अधिनियम में सामूहिक कार्यचालन के स्थान पर “विभाग” या विभागीय पद्वति द्वारा वायसराय की कार्यकारी परिषद् पर उनके प्राधिकार को और बल प्रदान किया।
  • (a) भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
  • (b) भारत सरकार अधिनियम, 1858
  • (c) भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
  • (d) भारतीय परिषद अधिनियम, 1909

Correct Answer: (a) भारतीय परिषद अधिनियम, 1861

Explanation: भारतीय परिषद अधिनियम, 1861 में ही वायसराय की कार्यकारी परिषद् पर सामूहिक कार्यचालन के स्थान पर “विभाग” या विभागीय पद्वति द्वारा वायसराय की कार्यकारी परिषद् पर उनके प्राधिकार को और बल प्रदान किया गया था। इस अधिनियम ने वायसराय की कार्यकारी परिषद् के संचालन में प्राधिकारिक सुधार किए थे और वायसराय को अधिक स्वतंत्रता और बल प्रदान किया था।

इस ब्लॉग पोस्ट, “Indian Polity MCQs with Answers in Hindi-Part 2” में, हमने भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की और पाठकों को उन प्रश्नों और उत्तरों की मदद से इसे समझाने की कोशिश की।

इस ब्लॉग पोस्ट में हमने संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, राज्यों के अन्तर्गत विभाजन, और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न उत्तर की माध्यम से आपको जानकारी प्रदान की है। इसके अलावा, हमने भारतीय संविधान के विकास में अहम व्यक्तियों की भूमिका और उनके योगदान पर भी चर्चा की है।

संविधान की प्रस्तावना और उसके अन्य अनुच्छेदों की संशोधन की चर्चा उन घटनाओं को समझने में मदद करती है जिनसे भारतीय संविधान ने विकास किया है। यह ब्लॉग पोस्ट उन पाठकों के लिए महत्वपूर्ण है जो भारतीय संविधान के महत्व और इसके प्रमुख अंगों को समझना चाहते हैं, और जो प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं या अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

संविधान भारतीय लोकतंत्र का आधार बनता है, और इसकी समझ भारतीय नागरिकता और संवैधानिक मूल्यों की पहचान करने में मदद करती है। हमें आशा है कि इस ब्लॉग पोस्ट ने आपकी जानकारी में नई दिशा और समझ प्रदान की होगी और आप इसे पढ़कर भारतीय संविधान के विकास और उसकी महत्वपूर्णता को समझेंगे।

अगर आपने हमारी पहली ब्लॉग पोस्ट “Indian Polity MCQs with Answers in Hindi-Part 1” पढ़ी है, तो यह ब्लॉग उसके अगले भाग के रूप में प्रतिभागित करता है और आपके ज्ञान को और अधिक प्रगति प्रदान करता है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह ब्लॉग पोस्ट पसंद आई होगी और आपके संवैधानिक ज्ञान को विस्तारित करने में सहायक सिद्ध होगी।

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